काला नमक चावल एक खास प्रकार का चावल है जो भारतीय उप महाद्वीप में पूर्व से ही पाया जाता है। इसका उल्लेख मिलता है कि काला नमक चावल की खेती बौद्ध काल (600 ईसा पूर्व) से की जाती रही है यह विशेष चावल भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication - GI) टैग प्रणाली के तहत संरक्षित है। GI टैग इसे विश्वसनीयता और बाजार में मान्यता देता है,
नैनो यूरिया एक उन्नत स्मार्ट कृषि उपाय है जो किसानों को उर्वरक की आपूर्ति के लिए अद्वितीय तरीके से मदद करता है। इसके छोटे कण उर्वरक के प्रभाव को बढ़ाकर उत्तम उत्पादन प्रदान करते हैं। नैनो यूरिया पौधों के विकास और पोषण की आवश्यकताओं को पूरा करके उत्तम फसल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मक्का एक प्रमुख खाद्य फसल है, जो मोटे अनाजों की श्रेणी में आता है और भुट्टा भी खाया जाता है। यह भारत के अधिकांश मैदानी भागों से लेकर 2700 मीटर उँचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों तक सफलतापूर्वक उगाया जाता है। बलुई, दोमट मिट्टी मक्का की खेती के लिए बेहतर समझी जाती है।
धान (ओरिज़ा सैटिवा) विश्वस्तर के साथ-साथ भारत का सबसे महत्वपूर्ण मुख्य फसलों में से एक है, जो विश्व के साथ भारत की खाद्य आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रदान करता है। धान की उत्पादकता को अनुकूलित करने के लिए इसके विभिन्न विकास चरणों को समझनाआवश्यक है।अपने विकास चक्र के दौरान, धान कई विकासात्मक चरणों से गुजरता है, जिसमें कल्ले फूटने का चरण विशेष महत्व रखता है जिसके दौरान उत्पादक टिलरों की संख्या उपज प रमहत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। यह ब्लॉग धान के कल्ले फूटने (टिलरिंग) के चरण के विकास और फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए उचित उर्वरक प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डालता है।
देश में खरपतवारों के कारण खाद्यानों का 37 प्रतिशत हानि होती है जबकि कीटों से 22 प्रतिशत व बिमारियों से 29 प्रतिशत होती है| खरीफ फसलों में महत्वपूर्ण फसलें धान, मक्क़ा, मूंगफली, तिल, अरहर, सोयाबीन व अन्य फसलें शामिल है, इन मे धान मुख्य फसल है जो पुरे देश में लगाई जाती है खरीफ फसलों में उत्पादकता में कमी के अनेको कारण है जिसमे सिंचाई की कमी तो कभी पानी की अधिकता, तापमान में उतार - चढ़ाव, मौषम में अधिक शुष्कता, कीटों, बिमारियों व खरपतवारों को न्योता देता है |
बैक्टीरियल ब्लाइट एक प्रचलित बीमारी है जो आमतौर पर धान की फसल को प्रभावित करती है। इस बीमारी में कृषि उपज को काफी नुकसान पहुंचाने की क्षमता है, अगर इसका तुरंत समाधान नहीं किया गया तो काफी नुकसान हो सकता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम बैक्टीरियल ब्लाइट पर व्यापक जानकारी प्रदान करेंगे, जिसमें इसकी पहचान, निवारक उपाय और उपचार के विकल्प शामिल होंगे।
क्रॉपवे सारांश रबी कैलेंडर में भारतीय उपमहाद्वीप के विशिष्ट कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में इस मौसम के लिए सरसों की फसल रोपण, बुवाई और कटाई की अवधि की जानकारी शामिल है।
क्रॉपवे सारांश रबी कैलेंडर में भारतीय उपमहाद्वीप के विशिष्ट कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में इस मौसम के लिए गेहूं की फसल रोपण, बुवाई और कटाई की अवधि की जानकारी शामिल है।